सिर्फ एक माइक्रोचिप एक लाख लीटर पानी को जहर बना देती है
जैसे-जैसे इनसान की जरूरतें बढ़ रही हैं, पर्यावरण का संकट बढ़ रहा है। इसका सबसे बड़ा प्रमाण है ई-वेस्ट यानी मोबाइल, टीवी, फ्रिज और दूसरे गैजेट्स का कचरा। क्या आप जानते हैं कि आज हर हाथ में जो मोबाइल नजर आता है, उससे निकलने वाली एक माइक्रोचिप खुले में फेंक दी जाए तो यह एक लाख लीटर पानी को प्रदूषित कर देती है। अभी अकेले मध्यप्रदेश में हर साल 22,500 टन ई-वेस्ट हर साल निकल रहा है, इसमें एक फीसदी कचरा ही वैज्ञानिक तरीके से नष्ट हो रहा है, बाकी हजारों टन ई-वेस्ट अब भी खुले में कबाड़ी ही नष्ट कर रहे हैं। दिल्ली, नोएडा और कानपुर जैसे शहरों से हर महीने कई टन ई-वेस्ट मध्यप्रदेश में आ रहा है। भूमिगत जल को भी दूषित करता है क्रोमियम एक्सपर्ट डॉ.फजल हुसैन ने बताया कि मोबाइल और लैपटॉप के चिप में हानिकारक तत्व भी होते हैं। कम्प्यूटर मॉनिटर में जहां फ्रंट ग्लास पैनल में फॉस्फोरस पाया जाता है, सर्किट बोर्ड और माइक्रोचिप में लेड की मात्रा सबसे ज्यादा होती है। मदर बोर्ड में पीसीबी चिप में क्रोमियम और लेड होता है। इससे पानी में फेंके जाने पर यह पानी को भी प्रदूषित करता है। इसी यदि गलत तरीके से जमीन में दबा दिया जाए तो यह भूमिगत जल को भी दूषित कर देता है। ई-वेस्ट जलाने से बढ़ रहा खतरा एक्सपर्ट्स के अनुसार ई-वेस्ट को जब तक जलाया जाता है तो यह सबसे ज्यादा नुकसानदायक होता है। हैवी मेटल शरीर में गए तो अस्थमा, कैंसर जैसी बीमारी हो जाती है। रिसाइकिलिंग कंपनियां ई-वेस्ट में हेजार्ड कम्पोनेंट निकालकर उसे इंसीनरेटर में भेज देते हैं। किसमें-क्या हानिकारक तत्व मोबाइल-लैपटॉप,-क्रोमियन, मर्करी कम्प्यूटर मॉनीटर - फॉस्फोरस सर्किट बोर्ड -लेड फ्रिज - ऑयल व टॉक्सिक गैस एलईडी- मर्करी और लेड ...